कोविशील्ड की दो डोज के बीच अब 12 से 16 हफ्ते का गैप होना जरूरी, जानिए क्यों?

कोविशील्ड की दो डोज के बीच अब 12 से 16 हफ्ते का गैप होना जरूरी, जानिए क्यों?

सेहतराग टीम

कोरोना से जंग जीतना है तो वैक्सीन लगवाना जरूरी है, क्योंकि ये कोरोना महामारी से बचने के लिए एक मात्र रास्ता है। इसलिए एक्सपर्ट और सरकार भी वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है। वहीं ऐसे में सरकार ने कोविशील्ड के दो डोजों के बीच के अंतराल को छह से आठ हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने की मंजूरी दे दी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस संबंध में नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रूप ऑन इम्यूनाइजेशन के कोविड-19 वर्किंग ग्रूप ने सिफारिश की थी। हालांकि कोवैक्सीन की दोनों डोज के बीच अंतर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया कि नए प्रमाणों, ब्रिटेन से मिले डाटा के आधार पर कोविड-19 वर्किंग ग्रूप ने दोनों डोज के बीच अंतर बढ़ाने की सिफारिश की। वर्किंग ग्रूप की सिफारिश को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अगुवाई वाले नेशनल एक्सपर्ट ग्रूप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 ने 12 मई को मंजूरी दे दी थी।

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इसलिए बढ़ाया गया अंतर

नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बताया कि ब्रिटेन पहले ही इस अंतर को बढ़ाकर 12 हफ्ते कर चुका है और डब्लूएचओ (WHO) ने भी ऐसी सिफारिश की है, लेकिन कई देशों ने ऐसा नहीं किया। पहले यह माना जा रहा था कि अंतर ज्यादा होने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन अभी मिले प्रमाणों और ब्रिटेन से प्राप्त डाटा से हमें यह भरोसा मिला है कि ऐसा करने में किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।

गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन

इसके साथ ही एक और जरूरी जानकारी प्रेग्नेंट महिलाओं के वैक्सीनेशन को लेकर भी है। प्रेग्नेंट महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है। साथ ही फीडिंग करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद कभी भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। सरकारी परामर्श समिति ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित रहे लोगों को पूरी तरह से ठीक होने के बाद 6 महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए।

  • प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग करा रही महिलाओं को भी टीके की जानकारी देकर टीकाकरण का विकल्प दिया जाए।
  • कोरोना पॉजिटिव हो चुके लोगों को ठीक होने के छह महीने बाद टीका लगाया जाए। अभी चार से आठ हफ्ते में लगाया जाता है।
  • पहली डोज के बाद पॉजिटिव पाए गए लोगों को ठीक होने के चार से आठ हफ्ते बाद दूसरी डोज दी जाए।
  • प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुए लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के तीन महीने बाद टीकाकरण कराना चाहिए।

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